Ayodhya Ram Mandir history: आयोध्या में स्थित राम मंदिर का इतिहास बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसका नाम अयोध्या के राजा भगीरथ के पुत्र राजा दशरथ और महर्षि विश्वामित्र के शिष्य भगवान राम से जुड़ा हुआ है। राम मंदिर का निर्माण कराने के लिए 1989 में एक न्यायालय के आदेश के बाद, 2020 में भूमिपूजन हुआ था।
राम मंदिर का निर्माण विवाद भारतीय समाज में चर्चा का केंद्र बना रखा था। इसमें अनेक विभिन्न पक्षों और सांस्कृतिक समृद्धियों का संघर्ष शामिल था। राम जन्मभूमि विवाद के चलते इस क्षेत्र में 1992 में बाबरी मस्जिद की तोड़फोड़ हुई थी, जिससे विवाद ने और तेजी प्राप्त की।
राम मंदिर का निर्माण एक दिवंगत आचार्य राजेन्द्र दास के संगठन “विश्व हिन्दू परिषद” और भाजपा के नेतृत्व में हुआ। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने आयोध्या के राम जन्मभूमि विवाद में मुस्लिम पक्ष को अन्य क्षेत्र में भूमि देने का निर्णय लिया था। इसके बाद, भूमिपूजन के बाद 2020 में आधिकारिक रूप से निर्माण कार्य शुरू हुआ।
राम मंदिर निर्माण के पीछे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण सांविदानिक, ऐतिहासिक, और सामाजिक पहलुओं ने इसे एक महत्वपूर्ण घटना बना दिया है। यह मंदिर हिन्दू धर्म के प्रति भक्ति और आस्था का प्रतीक है, जिसने भारतीय समाज को एक साथ लाने में भी योगदान किया है।
उत्तर प्रदेश: भारतीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का खजाना
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