अम्बेडकरनगर, बसखारी। डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर मंगलवार को बसखारी क्षेत्र में ऐतिहासिक और भव्य जुलूस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूरा क्षेत्र उत्सवमय माहौल में डूबा नजर आया। जुलूस की शुरुआत जलालपुर रोड स्थित बौद्ध मठ से हुई, जो मुख्य चौराहों और गलियों से होते हुए पूरे बसखारी कस्बे में भ्रमण करते हुए अंबेडकर चौराहे पर संपन्न हुआ।
इस भव्य जुलूस में दो दर्जन से अधिक रंग-बिरंगी और आकर्षक झांकियों ने भाग लिया, जिनमें बाबा साहब अंबेडकर के जीवन, संघर्ष और उनके सामाजिक संदेशों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। इन झांकियों ने उपस्थित लोगों का खूब ध्यान आकर्षित किया और वातावरण को ऐतिहासिक बना दिया।
रास्तेभर स्थानीय जनता ने पुष्पवर्षा कर जुलूस का स्वागत किया, जिससे चारों ओर उल्लास और भाईचारे का दृश्य देखने को मिला। अंबेडकर चौराहे पर पहुंचने पर वहां मौजूद भारी जनसमूह ने गर्मजोशी से जुलूस का स्वागत किया।
इस अवसर पर जय भीम चेतना समिति के संरक्षक एवं समाजसेवी सैय्यद आलेमुस्तफ़ा अशरफ़ उर्फ छोटे बाबू ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “बाबा साहब का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है, और हमें उनके विचारों को आत्मसात कर समाज में समरसता और समानता को बढ़ावा देना चाहिए।”
कार्यक्रम में अम्बेडकरनगर सांसद लाल जी वर्मा, टांडा विधायक राममूर्ति वर्मा, मुसाब अजीम, विशाल वर्मा, खलीक अशरफ, निरंजन कुमार, संजीव कुमार, मेराज अहमद सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने बाबा साहब के योगदान को याद करते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किए गए थे। मौके पर एसडीएम टांडा, सीओ अकबरपुर, थाना बसखारी के प्रभारी संत कुमार सिंह के साथ पीएसी के जवानों को भी तैनात किया गया था, जिससे किसी भी प्रकार की अव्यवस्था ना हो।
समारोह में उमड़े जनसैलाब ने यह साबित कर दिया कि बाबा साहब आज भी देश के करोड़ों लोगों के दिलों में बसते हैं और उनका सपना – समता, स्वतंत्रता और बंधुत्व पर आधारित समाज – आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
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