महानगर परिवहन सेवा में कार्यरत परिचालक अब पुनः UPSRTC में रखे जाएंगे – एमडी परिवहन निगम

महानगर परिवहन सेवा में कार्यरत परिचालक अब पुनः UPSRTC में रखे जाएंगे – एमडी परिवहन निगम

लखनऊ: महानगर परिवहन सेवा में कार्यरत परिचालकों को पुनः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में सेवा का अवसर मिलेगा। यह जानकारी देते हुए परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक प्रभु एन. सिंह ने कहा कि लंबे समय से परिचालकों की बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए यह निर्णय निगम के हित में भी है और परिचालकों के लिए भी राहतकारी साबित होगा।

प्रबंध निदेशक ने बताया कि वर्ष 2009 में नगरीय विकास विभाग के अधीन विभिन्न महानगरों में महानगर परिवहन सेवा की स्थापना की गई थी, जिसके तहत सीएनजी एवं डीज़ल चालित बस सेवाएं शुरू की गई थीं। इन सेवाओं का संचालन निगम के अधिकारियों और पर्यवेक्षकों के नियंत्रण में था तथा परिचालकों को सीधे निगम स्तर पर ही नियुक्त किया जाता था, किसी सेवा प्रदाता के माध्यम से नहीं।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के तहत संचालित बसों की आयु पूर्ण होने के कारण उनका संचालन पूरी तरह बंद हो चुका है और बसें नीलाम की जा रही हैं। ऐसे में लगभग 15 वर्ष से अधिक अनुभव रखने वाले परिचालकों को निगम की निर्धारित शर्तों के आधार पर पुनः UPSRTC में रखने का निर्णय तर्कसंगत पाया गया। इससे परिचालकों की बेरोजगारी की समस्या कम होगी और निगम में परिचालकों की कमी भी दूर की जा सकेगी।

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किन परिचालकों को मिलेगा अवसर

नगरीय विकास विभाग के नियंत्रणाधीन महानगरों में महानगरीय परिवहन सेवाओं में कार्यरत वे संविदा परिचालक,

  • जिन्हें पहले UPSRTC द्वारा सीधे रखा गया था,

  • जिनकी प्रतिभूति राशि निगम में जमा है,

  • और जो पुनः निगम में कार्य करना चाहते हैं,
    उन सभी को निगम स्तर पर पुनः रखे जाने के प्रस्ताव को अनुमोदन दिया गया है।

पात्रता व शर्तें

पुनः सेवा में लिए जाने के लिए परिचालकों के पास होना आवश्यक है—

  • वैध परिचालक लाइसेंस

  • परिचालक के विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक या विधिक प्रकरण लंबित न हो

  • अनुबंध अवधि खंडित न हो

  • शैक्षिक योग्यता: इंटरमीडिएट पास

  • कम्प्यूटर योग्यता: केंद्र/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था से “CCC” प्रमाणपत्र

जिन परिचालकों के पास अभी CCC प्रमाणपत्र नहीं है, उन्हें इसे प्राप्त करने के लिए पहले चरण में 6 माह का समय दिया जाएगा।

वरिष्ठता (Seniority) का निर्धारण

नए अनुबंध के निष्पादन और कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से ही परिचालकों की वरिष्ठता मान्य होगी।

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