- मलंग गेट से लेकर सलामी गेट तक टोटी नल की व्यवस्था नहीं
अम्बेडकरनगर: विश्व प्रसिद्ध किछौछा दरगाह रूहानी इलाज के लिए जाना जाता है यहां पर हजारों लाखों श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है वहीं हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी वार्षिक गुस्ल 17 माई को होना है वार्षिक गुस्ल के मौके पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का किछौछा दरगाह कैंपस में आने का सिलसिला जारी है दो दिवसीय मेले के दौरान किछौछा दरगाह में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है भीषण गर्मी के चलते श्रद्धालुओं के बीच पीने के पानी की किल्लत मची हुई है
दो दिवसीय गुस्ल मुबारक के दौरान किछौछा दरगाह की कॉमेटियो के द्वारा ना तो पीने के पानी ना-ही शौचालय की व्यवस्था की गई है जानकारी के लिए आपको बता दें दरगाह किछौछा में मुख्य प्रवेश द्वार “मलंग गेट” को माना जाता है मलंग गेट से लेकर सलामी गेट तक ना तो कोई नल टोटी की व्यवस्था नहीं है
भीषण गर्मी को देखते हुए आए हुए हजारों जायनों के लिए खानकाह गौसुल आलम से गुजरने वाले हर श्रद्धालु को बड़े पैमाने पर पानी के पैकेट के साथ-साथ शरबत का भी वितरण किया जा रहा है
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वही पीरजादगान इन्तेज़ामिया कमेटी के सेक्रेटरी सैय्यद खलीक अशरफ उर्फ खलीक मियां ने परिवर्तन समाचार से बात करते हुए बताया हम हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गुस्ल मुबारक के दौरान आए हुए तमाम श्रद्धालुओं को पीने का पानी बाटते है सिर्फ गुस्ल के ही मौके पर नहीं जब से गर्मी शुरू हो जाती है तो हम हर गुरुवार को श्रद्धालुओं को पानी के साथ-साथ शरबत का भी इंतजाम करवाते हैं यह मुहिम हमारी गर्मी शुरू होते ही शुरू हो जाती है और बरसात तक चलती है
वही सैय्यद खलीक अशरफ उर्फ खलीक मियां ने किछौछा दरगाह के नागरिकों से अपील भी की दरगाह कैंपस में जगह-जगह पर श्रद्धालुओं के लिए पानी की व्यवस्था की जाए रूहानी इलाज के लिए आए श्रद्धालु मखदूम पाक के मेहमान है और मेहमान की खिदमत करना हमारी सुन्नत है
वही वार्षिक गुस्ल के मौके पर आए हुए श्रद्धालुओं को पीने के पानी व स्वच्छ होने के लिए शौचालय की व्यवस्था न होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है
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