ईद-उल-अजहा का चांद सोमवार को देखा जाएगा चांद की तस्दीक से ही तय होगा बकरीद का त्योहार 29 जून या 30 जून को मनाई जाएगी बकरीद
लखनऊ: हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भारत में ईद-उल-अजहा को धूमधाम से मनाया जाएगा जानकारी के मुताबिक इस्लामिक धर्म गुरुओं का मानना है ईद-उल-अजहा का चांद सोमवार को देखा जाएगा चांद की तस्दीक से ही तय होगा बकरीद का त्योहार 29 जून या 30 जून को मनाई जाएगी
बकरा ईद क्यों मनाई जाती है
इस्लामिक परंपरा के अनुसार ईद-उल-अजहा के दिन हजरत इब्राहिम अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने जा रहे थे. लेकिन अल्लाह ने उसी वक्त हजरत इस्माइल की जगह एक दुम्बे को रख दिया। इससे हजरत इस्माइल को जीवनदान मिला। उन्हीं की याद में बकरीद का त्योहार मनाया जाता है।
बकरा ईद पर बकरा क्यों काटा जाता है?
बकरीद को कुर्बानी के जज्बे को सलाम करने के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। बकरीद अल्लाह की राह में पैगंबर मुहम्मद के पूर्वज इब्राहिम द्वारा दी गई कुर्बानी की याद में मनाई जाती है। इस्लामिक ग्रंथ की माने तो एक रात पैगंबर इब्राहिम को सपना आता है के अल्लाह का हुक्म है अपने बेटे पैगंबर इस्माइल की कुर्बानी अगले दिन सुबह ही देनी है या एक परीक्षा के रूप में अल्लाह के प्यारे पैगंबर इब्राहिम के लिए हो रही थी क्योंकि पैगंबर इब्राहिम अपने बेटे को बहुत मानते थे वही जब पैगंबर इब्राहिम ने अपने बेटे की कुर्बानी देनी चाही तो बेटे की जगह एक दुम्बे ने ले लिया इसी कारण पूरे दुनिया में मुसलमान ईद उल अजहा के दिन बकरे की कुर्बानी देते हैं बकरा यह उसी दुम्बे की प्रजाति होती है
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