लखनऊ: ग्राम पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी को नए आयाम देने तथा योजनाओं की प्रगति को डेटा-आधारित और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से पंचायती राज निदेशालय, उत्तर प्रदेश द्वारा एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक पंचायती राज अमित कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर उपनिदेशक (पं.) मनीष कुमार, यूनिसेफ की प्रतिनिधि श्रीमती पियूष एंटोनी तथा महिला ग्राम प्रधान उपस्थित रहीं।
PAI 2.0 पोर्टल पर प्रगति—35 इंडिकेटर और 64 डेटा पॉइंट पर मूल्यांकन
पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स (PAI) 2.0 के तहत महिला हितैषी थीम पर आधारित 35 प्रमुख इंडिकेटर और 64 यूनिक डेटा पॉइंट के आधार पर ग्राम पंचायतों की प्रगति का अद्यतन किया जा रहा है।
कार्यशाला के दौरान प्रदेश की 75 चयनित महिला हितैषी ग्राम पंचायतों से प्राप्त ऑनलाइन बेसलाइन डेटा को पोर्टल पर फ्रीज किए जाने के उपरांत त्रैमासिक मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
प्रदेश की 75 ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी
कार्यशाला में सभी 75 जनपदों से चयनित महिला हितैषी ग्राम पंचायतों के प्रधानों एवं सचिवों ने प्रतिभाग किया। ये सभी ग्राम पंचायतें भारत सरकार के पोर्टल पर अद्यतन हैं तथा 20 नवंबर 2025 तक द्वितीय त्रैमासिक आंकड़ों को पोर्टल पर अपलोड किया जाना है।
महिला सशक्तिकरण और आर्थिक मजबूती पर विशेष जोर
निदेशक पंचायती राज अमित कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि महिला हितैषी ग्राम पंचायतों का सुदृढ़ विकास विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों का आर्थिक रूप से मजबूत होना अनिवार्य है, क्योंकि आर्थिक सशक्तिकरण ही महिलाओं की नेतृत्व क्षमता, निर्णय में भागीदारी और पंचायत शासन में सक्रिय योगदान को प्रोत्साहित करता है।
उन्होंने ग्राम पंचायतों में नियमित महिला सभाओं के आयोजन पर विशेष बल दिया। उनका कहना था कि इससे न केवल स्थानीय महिलाओं में जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि उनका दृष्टिकोण भी पंचायत की योजनाओं और निर्णयों में प्रभावी रूप से शामिल किया जा सकेगा।
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