पहल्गाम में आतंकी हमला: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के बाइसारन घाटी, पहल्गाम में 22 अप्रैल 2025 को एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें कम से कम 28 पर्यटकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह हमला हाल के वर्षों में नागरिकों पर सबसे घातक माना जा रहा है।
📍 घटना का विवरण
चार सशस्त्र आतंकियों ने घने जंगलों से निकलकर पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। हमले के समय पर्यटक बाइसारन घाटी में घूम रहे थे। इस हमले की जिम्मेदारी ‘कश्मीर रेजिस्टेंस’ नामक आतंकी संगठन ने ली है। उन्होंने 2019 में जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति समाप्त होने के बाद क्षेत्र में बाहरी लोगों की बसावट के विरोध में इस हमले को अंजाम देने का दावा किया है।
🧍♂️ पीड़ितों की जानकारी
मृतकों में कर्नाटक, ओडिशा, गुजरात के नागरिकों के साथ-साथ दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
चश्मदीदों की गवाही
एक महिला प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हमलावरों ने उसके पति को मारने से पहले उससे पूछा, “क्या तुम मुस्लिम हो?” और फिर कहा, “यह मोदी को जाकर बताओ।” यह बयान हमलावरों के राजनीतिक संदेश को दर्शाता है।
🛡️ सरकारी प्रतिक्रिया:
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को न्याय के कठोरतम दंड दिए जाएंगे।
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गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की और कहा कि आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:
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संपर्क केंद्र – श्रीनगर: 0194-2457543, 0194-2483651
- अतिरिक्त उपायुक्त श्रीनगर – आदिल फरीद: 7006058623
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🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति जेडी वेंस, जो इस समय भारत दौरे पर हैं, ने इस हमले पर शोक व्यक्त किया है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है।
यह हमला कश्मीर में बढ़ती अस्थिरता और आतंकवाद की गंभीरता को दर्शाता है, जो क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय है।
स्थानीय प्रतिक्रिया:
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बारामुला में स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर हमले के खिलाफ विरोध जताया।
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नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने इस हमले के विरोध में बंद का आह्वान किया है।
यह हमला कश्मीर में हाल के वर्षों में नागरिकों पर सबसे घातक हमला माना जा रहा है, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा चिंताएं और बढ़ गई हैं।