अम्बेडकरनगर: मुहर्रम का महीना इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है। इस्लाम में शिया और सुन्नी मुस्लिम समुदाय के लिए यह महीना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मुहर्रम के 10वें दिन को आशूरा के दिन के रूप में जाना जाता है। यह इस्लाम का प्रमुख दिन है. कहा जाता है कि मोहर्रम के महीने में हजरत इमाम हुसैन को शहीद किया गया था. हजरत इमाम हुसैन इस्लाम के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के सबसे छोटे नवासे थे। हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में लोग मुहर्रम के 10वें दिन को शोक दिवस के रूप में मनाते हैं, जिसे आशूरा कहा जाता है। आशूरा शोक का दिन है। इस दिन मुस्लिम समुदाय शोक मनाता है।
पाचवी मोहर्रम का जुलूस बसखारी में निकला
आपको बताते चलें मोहर्रम माह में शहीदों को याद करते हुए जुलूस निकाला जाता है वहीं इसी बीच जनपद अम्बेडकरनगर के बसखारी कस्बे में अंजुमन हैदरिया के नेतृत्व में पुरानी चट्टी से ताज़िया के साथ-साथ नोहा खानी व मातम के साथ जुलूस आजमगढ़ रोड से होते हुए सोनार गली मे प्रवेश कर बसखारी जामा मस्जिद तक जुलूस जाता है
पांच मुहर्रम क्यों मनाया जाता है?
यह लड़ाई इराक के कर्बला में यजीद की सेना और हजरत इमाम हुसैन के बीच हुई थी. इस लड़ाई में इमाम हुसैन इस्लाम की रक्षा में अपने 72 साथियों के साथ शहीद हो गये। मुहर्रम इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत के शोक में मनाया जाता है।
वही मौके पर पूर्व सभासद हसन जाफरी, पत्रकार जावेद अहमद, सैयद खलीक अशरफ, इनाम हुसैन, गुलाम हैदर, फिरोज हुसैन, एहसान हैदर, राज खान, मोहम्मद लकी, काशिफ खान, अफरीदी खान, व अन्य लोग रहे मौजूद
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