वाराणसी: देव दीपावली को लेकर तैयारियां जोरशोर से शुरू हो गई हैं. बनारस के 80 घाटों पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है. इस मौके पर करीब 70 देशों के राजदूत शामिल होने वाले हैं. इनके साथ 150 विदेशी डेलीगेट्स भी इस नजारे को निहारने के लिए पहुंचेंगे. जिला प्रशासन की ओर इसकी तैयारियां जोरशोर से शुरू हो गई हैं. मेहमानों के स्वागत में एयरपोर्ट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होने वाले हैं. यहां पर लोक कलाकार कई स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये मेहमानों का स्वागत करेंगे. देव दीपावली 27 नवंबर को मनाई जा रही है. हिन्दू शास्त्रों के अनुसार इस दिन स्नान और दान पुण्य करने से खास लाभ मिलता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन दीपदान करने से कभी न समाप्त होने वाला पुण्य प्राप्त होता है. इससे सभी प्रकार के पापों का नाश होता है
#WATCH उत्तर प्रदेश: वाराणसी में देव दीपावली समारोह मनाया जा रहा है। pic.twitter.com/9OWZIVx3CF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 27, 2023
देव दीपावली: देवभूमि की रौंगत
देव दीपावली, उत्तर प्रदेश के बनारस शहर में मनाई जाने वाली एक अनूठी उत्सव है जो वाराणसी को अद्वितीय और प्रेरणादायक बनाता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि देव दीपावली क्यों एक विशेषता है और इसका महत्व क्या है।
पौराणिक अनुसंधान:
देव दीपावली का पौराणिक महत्व है। यह दिवाली के आध्यात्मिक माहौल में भी मनाई जाती है, जब भगवान शिव ने अपनी पत्नी पार्वती के साथ दिवाली की खास पूजा की थीं।
बनारस की रौंगत:
देव दीपावली ने बनारस को एक रौंगत दी है जो किसी भी दीपावली से भिन्न है। इस दिन, घाटों पर हजारों दीपों की रौशनी में सजीव हो जाती है और गंगा घाटों पर आरती का आयोजन होता है।
आत्मीयता का माहौल:
देव दीपावली ने आत्मीयता की भावना को मजबूत किया है। इस दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर दीपों का आत्मीयता से सजीव करते हैं और एक-दूसरे के साथ अच्छे रिश्तों को मजबूत करते हैं।
सांस्कृतिक आरोहण:
यह उत्सव विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी बन चुका है। कला, संगीत, नृत्य, और परंपरागत उपन्यासों का आयोजन होता है जो इस दिन को और भी समृद्धि और सांस्कृतिकता से भर देता है।
पर्यटन का केंद्र:
देव दीपावली ने बनारस को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बना दिया है। इस दिन शहर में हजारों और लाखों पर्यटक आते हैं जो इस अद्वितीय आत्मीयता के उत्सव का आनंद लेने के लिए।
देव दीपावली ने बनारस को एक सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान दी है जो इसे विश्व में अद्वितीय बनाती है। इस दिन का आनंद लेना एक अद्वितीय सांस्कृतिक अनुभव है जो आत्मीयता, प्रेम, और समृद्धि से भरा होता है।
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